तुम तोड़ोगे मुझे
मैं एक मुद्दत से टूटा हुआ हूं
तुम सिखाओगे मुझे इश्क करना
मिसाल -ए- मोहब्बत बने बैठा हूं।
तुम रुठोगे मुझसे
मैं मोहब्बत से रूठा बैठा हूं
तुम्हारी रंजिशें से कोई फर्क नहीं
इश्के साजिशों से घिरा बैठा हूं ।
तुम राह भटकाओगे मुझे
मैं इशके – नगर लापता बैठा हूं
तुम क्या साथ छोड़ोगे मेरा
मैं रब से तोड़े वास्ता बैठा हूं।।
अनाड़ी लेखक
(sachin singh patel
- Powered By:
